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नमस्थे दोस्तों, आज मैं आपको अपने जीवन के उस दिन के बारे में बताने जा रहा हूं, जिसने मेरे और मेरी सौतेली मां के बीच रिष्टे को एक नए मोड पर लाख़ड़ा किया।
शाम का वक्त था और सुनहरी धूब खिडकी से चन कर कमरे में पहली हुई थी।
जब मैंने रसोई की तरफ कदम बढ़ाए, तो मुझे एक हलकी सी गुन-गुनाहट सुनाई दी, जो मेरी सौतेली मां के कमरे से आ रही थी।
उनके चहरे पर हलकी सी मुस्कान थी और आँखों में जैसे कोई भूली-बिस्री यादें तैर रही थी। धीरे-धीरे मैंने दर्वाजे पर हलकी दस्तक दी, वो चौंकी, फिर हलकी सी मुस्कान के साथ मुझे अंदर बुलाया।
दोस्तों, आप सब से मेरी विनती है कि मेरे चैनल को प्लीज जरूर सब्सक्राइब कीजियेगा। चलिये जल्दी से कहानी को शुरू करते हैं। उस शाम हमारी बातों में कुछ ऐसा था जो साधारन नहीं था। मैं उनके पास बैठ गया और हमने मिलकर एलबम के पन्ने प